डिजिटल डेस्क (भोपाल)। 65 साल पहले 28 मार्च 1955 को क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा मैच खेला गया था, जो न्यूजीलैंड टीम के लिए एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनकर रह गया। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच 2 टेस्ट की सीरीज का दूसरा मैच ऑकलैंड में खेला गया था। इसके पहले खेले गए डुनेडिन टेस्ट में न्यूजीलैंड की करारी हार हो चुकी थी। इंग्लैंड ने पहला टेस्ट 8 विकेट से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली थी। डुनेडिन टेस्ट में न्यूजीलैंड की टीम पहली पारी में 125 रन और दूसरी पारी में 132 रनों पर सिमट गई थी।
इसके बाद दूसरा टेस्ट ऑकलैंड में खेला गया। पहले टेस्ट की हार के कारण न्यूजीलैंड की टीम पहले से ही दबाब में थी। टेस्ट मैच के पहले दिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की और पहले दिन की समाप्ति पर न्यूजीलैंड का स्कोर था 199 पर 8 विकेट। जबकि एक समय न्यूजीलैंड का स्कोर 154 पर 3 विकेट था और वह मजबूत स्कोर की तरफ बढ़ रही थी। इसके बाद दूसरे दिन पारी को आगे बढ़ाने न्यूजीलैंड की टीम मैदानपर उतरी, लेकिन सिर्फ 1 रन जोड़ सकी और उसके अंतिम दोनों विकेट आउट हो गए। इस तरह न्यूजीलैंड की पहली पारी 200 रनों पर सिमट गई।
इसके बाद इंग्लैंड टीम की शुरुआत भी कुछ खास नहीं रही और दो विकेट बहुत जल्दी गिर गए। एक समय इंग्लैंड की पहली पारी का स्कोर 174 रन पर 7 विकेट हो गया था और वह अभी भी 26 रन पीछे थी। लेकिन इंग्लैंड के कप्तान की 53 रन की पारी और अंतिम विकेट के बीच 28 रन की साझेदारी की बदौलत इंग्लैंड की पहली पारी 246 रन पर समाप्त हुई और 46 रन की बढ़त भी हासिल की।
इसके बाद तीसरे दिन दोपहर के 3 बजे जब न्यूजीलैंड टीम दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि न्यूजीलैंड की यह पारी इतिहास में दर्ज हो जाएगी। न्यूजीलैंड की पारी 144 मिनट में 26 रन पर आउट हो गई और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे कम स्कोर हासिल करने का एक खराब रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो गया। इसके पहले दक्षिण अफ्रीका की टीम 30 रन पर 1895-96 में इंग्लैंड के खिलाफ आउट हुई थी।
इंग्लैंड की दूसरी पारी के गेंदबाजी के आंकड़े कुछ ऐसे थे: टायसन 7-2-10-2, स्टेटम 9-3-9-3, एपलीयर 6-3-7-4, और वार्डल 5-5-0-1।
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