डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली-एनसीआर में चल रहे किसान आंदोलन को 58 दिन हो गए हैं। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर पुलिस और किसान संगठनों के बीच मीटिंग के बाद किसानों को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर टैक्टर रैली निकालने की इजाजत मिल गई है। दिल्ली के तीन जगहों से ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए तीनों बॉर्डर पर बैरिकेड हटाए जाएंगे। दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ ये इजाजत दी है।
दिल्ली पुलिस के साथ मीटिंग के बाद स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत मिल गई है। जितने भी साथी अपनी ट्रालियां लेकर बैठें है। मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रालियां न लेकर आएं। इससे पहले पुलिस का कहना था कि गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा कार्यक्रम है। आंदोलन के नाम पर देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी की इजाज़त नहीं दी जा सकती। पुलिस चाहती थी कि दिल्ली के आउटर रिंग रोड के बजाय किसान केएमपी एक्सप्रेसवे पर रैली आयोजित करें, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
बता दें कि पिछले करीब 2 महीनों से दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे। ऐसे में किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकलाना चाहते हैं।
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