डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित इजरायली दूतावास के बाहर धमाका हुआ। धमाके वाली जगह से एक लेटर मिला, जिसमें लिखा था, 'ये तो ट्रेलर है' अब जांच एजेंसियों को संदेह है कि जल्द ही कोई बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। ये छोटा सा ब्लास्ट किसी बड़ी साजिश का संकेत हो सकता है। जानकारी के मुताबिक घटनास्थल से मिले लेटर में 2020 में मारे गए कासिम सुलेमानी और ईरान के वरिष्ठ न्यूक्लियर वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह का भी जिक्र है। इस लेटर में बदला लेने की बात भी कही गई है। भारतीय जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं और इस मामले की बारीकी से जांच कर रही हैं।
घटना की पीछे ईरान का हाथ !
दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके में ईरान का हाथ होने का अंदेशा है। दरअसल, दिल्ली में शुक्रवार 29 जनवरी 2021 को हुई ब्लास्ट की घटना से पहले साल 2012 में इजरायल की एक कार में धमाका हुआ था। इस धमाके में 2 ईरानी शामिल थे। ये धमाका भी भारत में हुआ था। अब जांच एजेंसी उन लोगों की भी तलाश कर रही है। इसके साथ ही 2012 से लेकर अबतक कितने लोग ईरान से भारत आए और गए इनके रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। जांच एजेंसियों को इस घटना के पीछे ईरान का हाथ होने का संदेह है। घटनास्थल पर जो लेटर मिला है उसमें कासिम सुलेमानी का जिक्र है। कासिम ईरान का सबसे ताकतवार कमांडर था, जिसे अमेरिकी हवाई हमले में मारा था।
मोसाद करेगी इजरायली दूतावास धमाके की जांच
मोसाद दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके की जांच में भारतीय जांच एसेंजियों की मदद कर रही है। मोसाद के बारे में बताया गया है कि यह जांच एजेंसी अपने लेवल पर काम करती है। हालांकि अभी तक मोसाद के स्पॉट पर आने की कोई खबर नहीं है। लेकिन इस घटनाक्रम पर उसकी नजर बनी हुई है। जल्द ही मोसाद की टीम जांच के लिए दिल्ली आ सकती है। बता दें कि मोसाद इजराइल की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है जिसने दुनिया के सबसे खतरनाक और बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
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दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर आंतकी हमला हुआ- इजरायली अधिकारी
दिल्ली में इजरायली विदेश मंत्रालय के बाहर हुई घटना को आतंकी वारदात करार दिया जा रहा है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस घटना को लेकर विदेश मंत्री गाबी अश्केनजी को अपडेट दिया जा रहा है। इजरायली अधिकारियों आतंकी हमले का अंदेश जताया है। वहीं, सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। हालांकि इस काम में जांच एजेंसियों को खासी दिक्कत आ रही है। दरअसल, मौके से मिली सीसीटीवी फुटेज में 1970 का टाइम आ रहा है। इसमें लाइव फुटेज चल रही है। पीछे की फुटेज को रिट्रीव करने में दिक्कत आ रही है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए 2 संदिग्ध
इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके में मिले सीसीटीवी फुटेज में एक कैब दिखाई दी है। जिससे दो लोग उस जगह के पास उतरते हैं, जहां धमाका कल शुक्रवार को धमाका हुआ था। कैब दोनों को वहां छोड़कर चली जाती है। दोनों संदिग्ध पैदल ही ब्लास्ट वाली जगह बम प्लांट करके गए थे और इसके बाद दोनों संदिग्ध वहां से पैदल ही निकले थे। स्पेशल सेल ने उस कैब चालक का पता लगाकर उससे पूछताछ की है। उसके हिसाब से संदिग्धों के हुलिए का खाका तैयार किया जा रहा है।
अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल का अंदेशा
जांच में जुटी स्पेशल सेल के मुताबिक इस ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। ब्लास्ट में छोटे-छोटे बॉल बेयरिंग भी इस्तेमाल किए गए थे। जिन्हें घटना स्थल से जांच के दौरान बरामद किया गया था। वहीं, सॉफ्ट ड्रिंक की कैन के कुछ टुकड़े मिले हैं। शक है कि इसके जरिये ही विस्फोटक तैयार किया गया था। बताया जा रहा है कि 3 बजे के करीब जब इजरायली दूतावास से सभी लोग जा चुके थे। उस दौरान यह धमाका हुआ।
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