डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना का खतरा और गिरते पारे के बीच दिल्ली के बॉर्डर पर लगातार 19वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। कृषि सुधार वाले तीनों नए कानूनों को वापस लेने की जिद पर अड़े किसानों ने भारत बंद और सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद अपने आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत किसान आज देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने करेंगे। साथ ही किसान अपनी मांगें पूरी कराने के लिए भूख हड़ताल भी करेंगे। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल हर संगठन से एक-एक नेता सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अनशन पर बैठेगा। आंदोलन की अगली रणनीति का एलान शाम को किया जाएगा।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के भी पुख्ता बंदोबस्त किए जा रहे हैं। इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक टीकरी और सिघु बॉर्डर पर भीड़ बढ़ती जा रही है। किसानों की संख्या बढ़ने के साथ ही सुरक्षा बल के जवानों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। टीकरी बॉर्डर पर फ्रंट लाइन ड्यूटी पर आरएएफ, उसके बाद आईटीबीपी और उसके बाद सीआरपीएफ की टुकड़ी लगाई गई है। साथ में दिल्ली पुलिस को भी तैनात किया गया है।
हाईवे अब मंगलवार को बंद होगा
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने कहा कि एक दिन के अनशन की वजह से किसानों ने दिल्ली जयपुर हाईवे बंद करने का निर्णय एक दिन आगे बढ़ा दिया है। हाईवे अब मंगलवार को बंद होगा। जयपुर-दिल्ली हाईवे जाम करने के लिए राजस्थान, हरियाणा बॉर्डर पर रविवार को बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए हैं। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को अपने आवास पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश के साथ किसानों को मनाने पर मंथन किया। इसके अलावा गृहमंत्री ने पंजाब के भाजपा नेताओं के साथ भी एक अलग बैठक की।
उधर, सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि सोमवार को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अनशन रहेगा। इसके अलावा सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन होंगे और दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जैसा चल रहा है जारी रहेगा।
पंजाब के डीआईजी (कारागार) ने किसानों के समर्थन में दिया इस्तीफा
पंजाब के उपमहानिरीक्षक (कारागार) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने किसानों के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है। जाखड़ ने रविवार को कहा, मैं अपने भाइयों के लिए लड़ूंगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को राज्य सरकार के पास इस्तीफा भेज दिया है।
अगले दौर की वार्ता जल्द
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के अपना प्रदर्शन तेज करने के बीच केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा कि सरकार जल्द ही एक तारीख तय कर किसान संघ के नेताओं को अगले दौर की वार्ता के लिए बुलाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार और 40 किसान संघों के प्रतिनिधियों के बीच पहले हुई पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही थीं।
केंद्र सिर्फ कॉरपोरेट के लिए काम कर रही: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, केंद्र सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की हितैषी है और कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए ही काम कर रही है। जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, कानून से पहले गोडाउन निर्माण पूरा होना इस बात का संकेत है कि सरकार की योजना कुछ और ही है।
केजरीवाल ने किसानों का समर्थन किया, उद्धव ने भाजपा को आड़े हाथों लिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के समर्थन में अनशन करने का फैसला किया है तो उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को धार देने की किसानों की मुहिम की एक झलक भी रविवार को देखने को मिली। राजस्थान से दिल्ली कूच कर रहे किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर रोक लिया गया तो किसान वहीं धरने पर बैठ गए। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उत्तराखंड के कुछ किसानों ने मुलाकात की और नए कृषि कानूनों का समर्थन किया।
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