(अमेलिया नीरेनबर्ग). कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में अब आस्था स्थलों ने रूप बदलना शुरू कर दिया है। संक्रमण के चलते ज्यादातर चर्च या तो बंद हो चुके हैं या फिर नए रूप में ढल चुके हैं। अब इन इबादतगाहों में रिकार्डिंग स्टूडियो, नाइट क्लब, रेस्त्रां, कैफे और सर्वर रूम तक बन चुके हैं। स्थानीय स्तर पर अब इन्हें मल्टीपर्पज चर्च कहा जा रहा है।
इबादत की ये इमारतें अब व्यवसायिक स्थलों में तब्दील हो गई हैं। साउथ चार्ल्सटन का अप्लासिया कैफे सेंट जॉन यूनाइटेड चर्च में चल रहा है। यह कैफे पोलेन-8 नाम की एक स्वयंसेवी संस्था चला रही है। लकड़ी की बनी ऊंची छत और दीवार पर लगे रंगीन कांच के बीच अब यहां रोजाना लोग कॉफी के साथ लंच और डिनर कर रहे हैं। इसी तरह न्यू ओरलेंस के प्रेब्सटियन चर्च में इन दिनों एस्प्लांडे स्टूडियो चल रहा है।
14 हजार स्क्वैयर फीट की इस इमारत में चार स्टूडियो बनाए गए हैं। एक हिस्से में म्यूजिक ग्रुप भी प्रैक्टिस करता है। वहीं सैन फ्रांसिस्को का क्रिस्टीन साइंस चर्च अब एक टेक्नो कंपनी का सर्वर रूम बन गया है। जबकि डेनवर का पिक्सकोपल चर्च, जो 1889 में बना था, अब नाइट क्लब में तब्दील हो चुका है।
इस चर्च की पार्किंग में स्थानीय कलाकारों के लिए गैलरी की जगह निकाली गई है। इसी तरह अमेरिका के नेवार्क में 1811 में बना कैथेड्रल डिजिटल ऑडियो बुक और पॉडकास्ट सर्विस देने वाली कंपनी का दफ्तर बन चुका है। कंपनी ने अपने स्टाफ के लिए यहां तीन लेवल का स्ट्रक्चर अलग से तैयार किया है। कोरोना काल में चर्च के इस बदलते स्वरूप को लोगों ने भी अपना लिया है।
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