अमेरिका में उपभोक्ता सुरक्षा नियामक (FTC) ने मार्क जकरबर्ग के नेतृत्व वाली कंपनी फेसबुक पर लैंडमार्क एंटीट्रस्ट कानून के तहत केस दर्ज किया है। फेसबुक पर बाजार की प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है। FTC और 48 राज्यों के अटॉर्नी जनरलों ने बुधवार को मुकदमे की कार्यवाही शुरू की तो फेसबुक के शेयरों में 4% तक गिरावट आई। 2020 में फेसबुक के शेयर 35% से ज्यादा बढ़े हैं।
फेसबुक पर आरोप है कि वह प्रतिद्वंद्वियों को खरीदकर सोशल नेटवर्किंग की दुनिया में अपना एकाधिकार जमाना चाहता है। साल 2012 में फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम की 5,362 करोड़ रुपए में खरीद और 2014 में 1.65 लाख करोड़ रुपए में वॉट्सऐप को खरीदना बताता है कि कंपनी वर्चस्व स्थापित करना चाहती है। याचिका में कहा गया है कि पहले भी इन डील का मामला नियामकों के सामने आया था, तब ये सौदे प्रस्तावित थे, लेकिन बाद में पता चला कि ये सौदे बाजार की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए खतरा हैं। अब FTC चाहता है कि फेसबुक कारोबार को दो हिस्सों में बांट दे।
यह ऐसा विचार है, जो फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग द्वारा खड़े किए गए सोशल मीडिया के साम्राज्य के अस्तित्व के लिए खतरा है। इसकी वजह यह है कि कंपनी की आमदनी इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप से बढ़ रही है और इनके दम पर फेसबुक डिजिटल कॉमर्स में उतर रही है। यदि ये दो मुनाफे वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हाथ से निकलते हैं तो फेसबुक की लॉन्गटर्म वैल्यू खत्म हो जाएगी।
वेडबश सिक्योरिटीज के विश्लेषक डेन इव्स का कहना है कि फेसबुक का टूटना निवेशकों के लिए बुरी खबर होगी, क्योंकि विलय के बाद लाभांश आना अभी शुरू ही हुआ था। फेसबुक इस साल इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को माध्यम बनाकर ई-कामर्स का दिग्गज बनना चाहती है, जिसके आसार अब कम नजर आ रहे हैं। इंस्टाग्राम ने 2019 में डेढ़ लाख करोड़ रुपए कमाए थे। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि फेसबुक की रेवेन्यू ग्रोथ अब रुक जाएगी। हालांकि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
फ्रांस में डेटा प्राइवेसी का उल्लंघन, गूगल पर 890 करोड़ रुपए जुर्माना
फ्रांस ने गूगल पर 890 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। गूगल पर यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। जुर्माना फ्रांस के ऑनलाइन एडवरटाइजिंग ट्रैकर्स (कुकीज) के नियमों के उल्लंघन के मामले में लगाया गया है। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन पर भी 311 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है। फ्रांस के नियामक ने पाया कि गूगल की फ्रेंच वेबसाइट और अमेजन ने एडवरटाइजिंग कुकीज को कम्प्यूटर में सेव करने के लिए लोगों की मंजूरी नहीं ली थी।
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