अमेरिका में साल 2020 मौत के आंकड़ों के लिहाज से असामान्य रहा है। जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है तब से वहां अन्य सालों की तुलना में 3,56,000 ज्यादा लोगों की मौत हुई है। लेकिन, सभी मौतें सीधे कोरोना महामारी से संबंधित नहीं हैं। सामान्य से करीब एक चौथाई ज्यादा मौतें डायबिटीज, अल्जाइमर, हाई ब्लड प्रेशर, निमोनिया जैसे कारणों से हुई हैं। यह जानकारी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा किए गए विश्लेषण से सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से कुछ मौतें अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 से जुड़ी हो सकती हैं। कोरोना के कारण हेल्थ केयर सिस्टम पर बोझ पड़ा और अन्य रोगियों की वैसी देखभाल नहीं हुई जैसी पहले के सालों में होती थी। साथ ही महामारी के कारण परिवारों की आर्थिक स्थित कमजोर होने से भी मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस साल डायबिटीज से होने वाली मौतें सामान्य की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा रहीं।
अल्जाइमर से 12% ज्यादा मौतें हुईं। वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में सोसाइटी एंड हेल्थ के डायरेक्टर एमिरेट्स स्टीवन वूल्फ ने कहा कि कई लोगों के पास यह चुनाव करने की बाध्यता थी कि वे दवाओं पर खर्च करें या खाने पर या अपने सिर के ऊपर छत बरकरार रखने पर। उन्होंने चेताया कि कई लोग होंगे जो इस महामारी में खुद को बचा ले जाएंगे, लेकिन महामारी के कारण उनके स्वास्थ्य और आय पर जो असर पड़ा है वह आने वाले दिनों में भी उन्हें परेशान रखे और उनकी मृत्यु का कारण बने।
व्हाइट हाउस स्टाफ को शुरुआत में नहीं लगेगा टीका
पहले यह खबर आई थी कि ट्रम्प प्रशासन में शामिल लोगों को फाइजर-बायोएनटेक का टीका पहले दिया जाएगा। लेकिन, खुद राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस योजना को बदल दिया है। उन्होंने लिखा है कि व्हाइटहाउस के स्टाफ को बाद में टीका लग सकता है। अभी टीका उन्हें मिलना चाहिए जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है। पहले चरण के टीकाकरण के तहत अभी करीब 30 लाख डोज अमेरिका के अलग-अलग अस्पतालों में रखवा दिए गए हैं। हेल्थ केयर वर्कर और अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता मिलेगी।
कोरोनाः 41 देशों में रोज होने वाली मौतों की संख्या शून्य हुई, भारत में तीन सप्ताह से लगातार घट रही है संख्या
दुनिया भर में कोरोनावायरस की वैक्सीन लगाने को लेकर हलचल शुरू हो गई है। इसी बीच राहत की खबर यह भी है कि दुनिया भर में कोरोना से रोज होने वाली मौतों का आंकड़ा भी घट रहा है। मौजूदा स्थिति में 193 देशों में से 41 देश ऐसे हैं, जहां कोरोना से रोजाना होने वाली मौतें बिल्कुल बंद हो गई हैं, यानी अब कोई मौत नहीं हो रही।
भारत में भी इसमें सुधार दिख रहा है और लगातार तीन हफ्तों से इसमें गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना के दुनिया में अब तक 7 करोड़ से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इनमें से 16 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। हालांकि 5 करोड़ से ज्यादा मरीज ठीक भी हो चुके हैं।
प्रति 10 लाख आबादी पर बेल्जियम में सबसे ज्यादा मौतें, भारत 75वें नंबर पर: अगर आबादी के हिसाब से तुलना करें, तो प्रति 10 लाख की आबादी पर होने वाली मौतों की संख्या सबसे ज्यादा बेल्जियम में है। 14 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक बेल्जियम में प्रति 10 लाख पर मौतों का आंकड़ा 1563 है। इस मामले में इटली और स्पेन भी शीर्ष 5 देशों में शामिल हैं।
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